प्यार का दूसरा नाम है पापा
आमतौर पर हम सभी के बचपन में अपनी अनुशासनप्रियता व सख्ती के चलते पिता हमें क्रूर नजर आते हैं। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है और हम जीवन की कठिन डगर पर चलने की तैयारी करने लगते हैं, हमें अनुभव होता है कि...
View Articleमैं पिता हो रहा हूं
सच पूछो तो इन दिनों मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है अपने पिता हो जाने का। पिताजी जरा में खोल देते हैं सबके सामने कलेजा अपना सब ऊंच-नीच और वे बातें भी जो हैं घर-परिवार की। सच-सच बता देते हैं वे वे बातें भी,...
View Articleपापा के जूते में बेटे का पैर..
चाहे फ्रायड का मनोविज्ञान कुछ भी क्यों न कहता रहे... किशोरावस्था की समस्याओं में माँ की भूमिका बेटी के प्रति और पिता की भूमिका बेटे के प्रति ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। होता यूँ है कि चूँकि लड़कियों में...
View Articleपिता की छांव तले, बचपन पले
कहते हैं कि मां दुनिया की अनोखी और अद्भुत देन हैं। वह अपने बच्चे को नौ महिने तक अपनी कोख में पाल-पोस कर उसे जन्म देने का नायाब काम करती है। अपना दूध पिलाकर उस नींव को सींचती और संवारती है। जैसा कि मां...
View Articleआई लव यू डैड
हमारे यहाँ पिता की भूमिका एक लंबा रास्ता तय करके आधुनिक हुई है। एक दौर था, जब पिता का रौब बच्चों को दहशत देता था। आज पिता दोस्त की भूमिका में आ गए हैं। फिर भी कहीं पिता-पुत्र के रिश्तों में एक खिंचाव...
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